उत्तर प्रदेश : लखनऊ
16 फरवरी 2025 : प्रदेश के सरकारी डॉक्टर और चिकित्सा शिक्षक अब प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे । उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की तैयारी है । निजी प्रैक्टिस को प्रतिबंधित करने के लिए प्रदेश सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है । सभी जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्तों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को हर हाल में निजी प्रैक्टिस पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं । इस संबंध में गुरुवार को चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने आदेश जारी किया है । इसमें सभी डीएम, पुलिस आयुक्तों और सीएमओ को निर्देश दिया है कि वे राजकीय चिकित्सा शिक्षकों और सरकारी डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस की जांच करें । यदि कोई भी इस काम में लिप्त पाया जाता है तो उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की संस्तुति शासन को करें । यह संस्तुति हर हाल में 20 फरवरी तक कर दी जाए । इस आदेश के फलस्वरूप अब राजकीय चिकित्सा शिक्षकों व चिकित्सकों को अपनी निजी प्रैक्टिस बंद करनी होगी । यदि कोई भी इसमें लिप्त पाया जाता है तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी । शासन ने यह आदेश हाईकोर्ट के निजी प्रैक्टिस को लेकर दिए गए आदेशों के क्रम में किए गए हैं । इस मामले में अगली सुनवाई 27 फरवरी को होनी है ।स्टेट न्यूज़ हैड उत्तर प्रदेश कृष्ण कुमार गुप्ता की रिपोर्ट

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